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Certificate for selling bird flu free eggs and chicken बर्ड फ्लू फ्री अंडे-चिकन बेचने के लिए उठाएं ये 5 जरूरी कदम, सर्टिफिकेट मिलेगा तुरंत!

 Certificate for selling bird flu free eggs and chicken

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क्या आपने कभी सोचा है कि सही तरीके से पशुपालन करने से न केवल पशुओं की सेहत बेहतर हो सकती है, बल्कि यह इंसान को भी कई खतरनाक बीमारियों से बचा सकता है? आजकल, इंसानों को होने वाली 70 से 75 प्रतिशत बीमारियां पशुओं से ही फैलती हैं, जिन्हें जूनोटिक बीमारियाँ कहा जाता है। इन बीमारियों का फैलाव न केवल मानव जीवन को संकट में डालता है, बल्कि यह पोल्ट्री उद्योग पर भी असर डालता है। यही कारण है कि अब सरकार पोल्ट्री प्रोडक्ट्स जैसे अंडे और चिकन को बीमारियों से मुक्त (Disease-Free) करने के लिए कदम उठा रही है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप डिजीज-फ्री पोल्ट्री प्रोडक्शन कर सकते हैं और इससे न केवल अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपनी सेहत को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

डिजीज-फ्री पोल्ट्री प्रोडक्शन: एक नया रास्ता

आज के समय में, लोकल मार्केट में डिजीज-फ्री अंडे और चिकन की डिमांड तेजी से बढ़ी है, खासकर कोविड-19 महामारी के बाद। इसका कारण यह है कि लोग अब उन उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और बीमारी से मुक्त हों। केन्द्र सरकार ने पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को बर्ड फ्लू और अन्य बीमारियों से मुक्त बनाने के लिए डिजीज फ्री कंटेनमेंट जोन बनाने की योजना शुरू की है।

कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंडे और चिकन का स्वास्थ्य और गुणवत्ता सुनिश्चित करना न केवल पशुपालकों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा देगा। इस दिशा में अब पोल्ट्री फार्मरों को यह सिखाया जा रहा है कि वे कैसे बीमारियों से मुक्त पोल्ट्री प्रोडक्ट्स का उत्पादन कर सकते हैं और इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

क्लाइमेट चेंज और बॉयो सिक्योरिटी की अहमियत

गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि क्लाइमेट चेंज के कारण पशुओं और पक्षियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। आजकल के मौसम में बदलाव के कारण पशुपालन और पोल्ट्री प्रोडक्शन में कई नई समस्याएं आ रही हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, यदि हमें अपने पशुओं और उनसे मिलने वाले उत्पादों को डिजीज-फ्री रखना है, तो हमें बॉयो सिक्योरिटी (Biosecurity) के प्रोटोकॉल्स का पालन करना होगा।

बॉयो सिक्योरिटी से न केवल पशुओं और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स को सुरक्षित रखा जा सकता है, बल्कि इससे किसानों को आर्थिक रूप से भी फायदा होगा। इस प्रोटोकॉल के तहत पशुपालकों को यह सिखाया जा रहा है कि कैसे वे अपने फार्म और उत्पादों को सुरक्षित रख सकते हैं।

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डिजीज-फ्री अंडे और चिकन का उत्पादन कैसे करें?

अब सवाल यह है कि, डिजीज-फ्री पोल्ट्री प्रोडक्ट्स कैसे तैयार करें? डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने इस बारे में पोल्ट्री फार्मर्स को कुछ मुख्य बॉयो सिक्योरिटी टिप्स दी हैं, जिन्हें अगर सही तरीके से अपनाया जाए तो पोल्ट्री फार्म डिजीज से मुक्त हो सकते हैं और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।

  1. फार्म की बाड़बंदी करें
    सबसे पहला कदम है पोल्ट्री फार्म की बाड़बंदी करना। फार्म के आस-पास कोई भी बाहरी जानवर न घुसे, इसके लिए फार्म को पूरी तरह से बंद करें। यह कदम संक्रमण फैलने से बचाता है और आपके पोल्ट्री फार्म को सुरक्षित रखता है।
  2. फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव करें
    फार्म के अंदर और बाहर सैनिटाइजर और दवा का छिड़काव करें। इससे आसपास के क्षेत्र में संक्रमण का खतरा कम होता है और हर किसी को संक्रमण से बचाने में मदद मिलती है। इसके अलावा, फार्म में रखने के लिए सैनिटाइजर का एक सेट भी तैयार रखें।
  3. हाथों की सफाई जरूरी है
    पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले सभी लोगों को हाथ धोने के लिए विशेष सैनिटाइजिंग समाधान का उपयोग करना चाहिए। यही नहीं, हाथों को साफ करने के बाद ही पशु-पक्षियों के संपर्क में आएं। यदि आप पशु या पक्षी को छूते हैं, तो फिर से हाथ धोने की आदत डालें।
  4. फार्म में आने वाले बाहरी व्यक्तियों के लिए सुरक्षा उपाय
    यदि फार्म पर कोई बाहरी व्यक्ति आ रहा है, तो उससे जूते उतारने के लिए कहें। यदि जूते उतारे नहीं जा सकते, तो उन्हें सैनिटाइज करने के लिए कहें। इसके अलावा, उनके कपड़े और हाथ भी सेनेटाइज कराए जाएं। यह सुनिश्चित करता है कि बाहरी कोई भी संक्रमण आपके फार्म में न आए।
  5. नए पशु-पक्षियों को क्वारंटाइन करें
    किसी भी नए पशु या पक्षी को फार्म में लाने से पहले उसे कम से कम 15 दिनों के लिए क्वारंटाइन करें। इस दौरान, पशु को अन्य पशुओं से अलग रखें ताकि किसी प्रकार की बीमारी फैलने से बचा जा सके।
  6. बीमार और स्वस्थ पशुओं को अलग रखें
    यदि किसी पशु या पक्षी को बीमारी है, तो उसे स्वस्थ पशुओं से अलग रखें। इस तरह से संक्रमण का खतरा कम होता है। इसके अलावा, गर्भवती और छोटे पशुओं को भी अलग रखना चाहिए।
  7. मौसम के हिसाब से देखभाल करें
    मौसम के बदलने से पशुओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। खासकर बरसात के मौसम में मच्छरों और मक्खियों से बचाव के उपाय करें।

डिजीज-फ्री पोल्ट्री प्रोडक्शन से कैसे बढ़ेगी इनकम?

जब आप इन बॉयो सिक्योरिटी उपायों का पालन करेंगे, तो न केवल आपके पोल्ट्री फार्म का उत्पादन स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण होगा, बल्कि बाजार में डिजीज-फ्री अंडे और चिकन की डिमांड भी बढ़ेगी। इसके परिणामस्वरूप, आपका निर्यात बढ़ेगा और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

किसानों को भी यह सिखाया जा रहा है कि वे डिजीज-फ्री पोल्ट्री प्रोडक्शन के माध्यम से अपनी इनकम कैसे बढ़ा सकते हैं।

निष्कर्ष

आज के समय में डिजीज-फ्री पोल्ट्री प्रोडक्शन न केवल पोल्ट्री उद्योग के लिए एक जरूरी कदम है, बल्कि यह किसान और उपभोक्ता दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। सही तरीके से बॉयो सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पालन करने से न केवल आपकी स्वास्थ्य सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि आपके व्यवसाय में भी सफलता मिलेगी। इस दिशा में सरकार की योजनाएं और कदम निश्चित रूप से किसानों को नई संभावनाओं और सुअवसरों की ओर ले जाएंगे।

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