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Secret formula of organic farming in india ऑर्गेनिक खेती का सीक्रेट फॉर्मूला: कम खर्च, ज़बरदस्त कमाई का तरीका!

Secret formula of organic farming in india

Secret formula of organic farming in india

क्या खेतों में रसायनों का अंधाधुंध इस्तेमाल आपकी फसलों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है? यदि हां, तो जैविक खेती (Organic Farming) की ओर कदम बढ़ाने का यह सही समय है। जलवायु परिवर्तन के प्रमुख कारणों में से एक रासायनिक खेती भी है, और इसे रोकने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देना जरूरी हो गया है। सरकार भी लगातार जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। लेकिन नए किसान अक्सर यह नहीं जानते कि इसे कैसे शुरू किया जाए। आज हम आपको जैविक खेती की पूरी प्रक्रिया और उससे जुड़े फायदों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

जैविक खेती कैसे शुरू करें?

जैविक खेती में रासायनिक खादों के बजाय गोबर की सड़ी हुई खाद और वर्मी कंपोस्ट का उपयोग किया जाता है। वर्मी कंपोस्ट, जिसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए सबसे उपयुक्त है। इसके अलावा, जैविक खेती में “जीवामृत” का भी उपयोग किया जाता है। यह एक विशेष लिक्विड खाद है, जो गोबर, गौमूत्र, गुड़ का पानी और बेसन को मिलाकर तैयार किया जाता है।

फसल के लिए सही खाद की मात्रा

  • पहली बार जैविक खेती शुरू करने पर प्रति एकड़ खेत में 10 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बुवाई से पहले डालें।
  • पहली सिंचाई के समय 5 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें।
  • बालियां आने से पहले 2 क्विंटल खाद डाल सकते हैं।
  • अगले साल से खाद की मात्रा कम हो जाती है। बुवाई से पहले 7 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट, और पहली सिंचाई के बाद 3.5 क्विंटल डालना पर्याप्त होता है।
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जीवामृत का उपयोग

जीवामृत को सिंचाई के पानी में मिलाकर खेत में छिड़का जाता है। एक एकड़ खेत की सिंचाई के लिए लगभग 200 लीटर जीवामृत पर्याप्त होता है।

जैविक कीटनाशक

रासायनिक कीटनाशकों के बजाय नीम की पत्तियों का उपयोग करें। नीम की पत्तियों को उबालकर बनाए गए लिक्विड को पौधों पर छिड़काव करें। यह प्राकृतिक कीटनाशक फसल को हानिकारक कीटों से बचाने में मदद करता है।

जैविक खेती के फायदे

1. मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है: वर्मी कंपोस्ट और जीवामृत के उपयोग से मिट्टी में हेल्दी बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है, जिससे मिट्टी भुरभुरी और जलधारण क्षमता वाली हो जाती है।

2. पर्यावरण का संरक्षण: जैविक खेती भूमिगत जल और हवा को प्रदूषण मुक्त बनाती है। यह जलवायु परिवर्तन को रोकने में भी सहायक है।

3. स्वास्थ्य के लिए लाभकारी: जैविक खेती से तैयार उत्पाद रासायनिक खेती की तुलना में अधिक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। इन्हें नियमित उपयोग करने से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

4. लागत में बचत: जैविक खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर खर्च होने वाले पैसे की बचत होती है।

जैविक खेती से बनाएं खेती का भविष्य

जैविक खेती न केवल पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी लाभदायक है। अगर आप भी अपनी खेती को एक नई पहचान देना चाहते हैं, तो आज ही जैविक खेती शुरू करें। यह कदम न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बेहतर भविष्य तैयार करेगा।

क्या आप जैविक खेती के लिए तैयार हैं? इसे अपनाकर आप न केवल अपनी फसल की गुणवत्ता सुधार सकते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं।

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